बेरोजगारी एक ऐसी समस्या है जो दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करती है। यह एक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दा है जिसने न केवल व्यक्तियों की जीवनशैली को प्रभावित किया है, बल्कि विकास और सामाजिक स्थिति में भी असमानता बढ़ाई है।
बेरोजगारी का उत्पन्न होना कई कारणों से होता है, जिसमें प्रमुख शामिल हैं तकनीकी उन्नति, आर्थिक असंतुलन, उच्च जनसंख्या और काम के लिए उपलब्ध संसाधनों की कमी।बेरोजगारी का प्रमुख कारणों में से एक तकनीकी उन्नति है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही तेजी से प्रगति ने अनेक रोजगार क्षेत्रों को प्रभावित किया है।
ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग, और रोबोटिक्स जैसी तकनीकी उन्नतियां मानव कामकाज को अत्यधिक स्वचालित कर रही हैं, जिससे अनेक लोगों को रोजगार की अवसरों में कमी हो रही है।बेरोजगारी का दूसरा महत्वपूर्ण कारण है आर्थिक असंतुलन। धन के बढ़ते असमानता, बजट विकास, और अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव भी बेरोजगारी को बढ़ावा देते हैं। विशेष रूप से उन लोगों को जो निराश्रित हैं और अनियमित रोजगार के लिए डिपेंड करते हैं, उन्हें आर्थिक सुरक्षा की कमी महसूस होती है,
जिससे उनकी सामाजिक स्थिति में भी असमानता बढ़ती है।बेरोजगारी का तीसरा कारण है उच्च जनसंख्या। जब एक समाज में जनसंख्या बढ़ जाती है, तो रोजगार के अवसर भी संवित्ति के अनुसार बढ़ने चाहिए, लेकिन धरती की संविधानिक सीमाओं के कारण यह कभी-कभी संभव नहीं हो पाता है। इससे बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होती है, जो विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों में बढ़ती है।बेरोजगारी को हल करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारें नौकरी के अवसरों को बढ़ाने, उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने जैसे उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यहां शिक्षा के क